सीएम धामी ने किया विद्यार्थियों से “परीक्षा पे चर्चा” कार्यक्रम में संवाद।

सीएम धामी ने किया विद्यार्थियों से “परीक्षा पे चर्चा” कार्यक्रम में संवाद।
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देहरादून– मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी के “परीक्षा पे चर्चा” विषय पर आधारित कार्यक्रम में विद्यार्थियों से संवाद किया। इस दौरान सीएम धामी ने देश व उत्तराखण्ड के भविष्य निर्माता सभी छात्रों को आने वाली परीक्षाओं में सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी और इस अवसर पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कृत कर उन्हें प्रोत्साहित किया। सीएम धामी ने कहा कि छात्रों के साथ इस आयोजन में शामिल होकर वे स्वयं को और अधिक ऊर्जा से भरा हुआ अनुभव कर रहे हैं। बच्चों की परीक्षाएं आने वाली हैं और उनके साथ इस विषय पर संवाद करना एक सुखद अनुभव है। इससे उन्हें अपने स्कूल के दिनों का भी स्मरण करने का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं में थोड़ा तनाव होना स्वाभाविक बात है, परन्तु जब यह तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो न केवल परीक्षा के परिणाम में इसका विपरीत असर पड़ता है बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा सफलता के लिए संयम, नियम और अनुशासित जीवन जरूरी है। सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने कुछ समय पहले पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न स्व. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी पर आधारित किताब “अग्नि की उड़ान“ पढ़ी। इस किताब से वे अत्यंत प्रभावित हुए, क्योंकि यह किताब हमें बताती है कि सफलता, परिश्रम के साथ-साथ व्यक्ति की सकारात्मक सोच पर निर्भर करती है। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा परीक्षा की तैयारियों से संबंधित प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक किताब लिखी है, इसका नाम है “एग्जाम वॉरियर्स“ यह किताब अत्यंत ही रूचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक है, छात्रों को भी ऐसी किताबें पढ़नी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके जीवन में स्वामी विवेकानंद जी का बहुत अधिक प्रभाव रहा है। जब अपने स्कूल के दिनों में उन्होंने उनकी यह उक्ति उठो, जागो और लक्ष्य तक पहुंचे बिना रूको मत पढ़ी, तभी ठान लिया था, कि, जीवन में जिस भी क्षेत्र में जाउंगा, अपना 100 प्रतिशत योगदान देने का प्रयास करूंगा। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि आप लोग भी कड़े अनुशासन, सही समय प्रबंधन और अपने माता-पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद से जिस भी क्षेत्र में जाए, उस क्षेत्र में अपना 100 प्रतिशत योगदान देकर अपने परिवार, राज्य और देश का नाम रोशन करें और उस क्षेत्र के लीडर बनें। संवाद के दौरान परीक्षा की तैयारियों एवं मुख्यमंत्री धामी से उनके बचपन में परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा के समय कुछ तनाव सभी को रहता है किंतु पहले के और आज के समय में बड़ा अंतर है। आज पूरी दुनिया आपके मोबाइल में सिमटी है। पहले संसाधनों का अभाव था, उनकी प्राइमरी शिक्षा स्लेट, दफ्ती, दवात और टाट पट्टी में बैठकर हुई । 3-4 कि.मी. पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपनी सोच सकारात्मक रखें, आप जैसा बनना चाहेंगे वही बनेंगे और अपने माता-पिता एवं गुरूजनों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की महान भारतीय परम्परा को और अधिक मजबूत करना चाहिए।

Rupesh Negi

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